पहले तो बरसी गालियाँ ,फिर बाद में लगते गले. .
खुशियों ने ठाना ठिकाना जब हम अरसों बाद मिले.!
Helmet चढ़ा के फिर, और दबा के accelerator . .
फ़िकरों को सब भूलके ,हम आज दौड़े हवाओं पर .!
मज़े मे बीतते हर दिन ,और रातें पीते-पीते. .
खुशियों ने ठाना ठिकाना जब हम अरसों बाद मिले.!
Helmet चढ़ा के फिर, और दबा के accelerator . .
फ़िकरों को सब भूलके ,हम आज दौड़े हवाओं पर .!
मज़े मे बीतते हर दिन ,और रातें पीते-पीते. .
हमने भी कही अनकही ,कई बातें पीते-पीते.!
हमप्याले हमनीवाले,संग पीया- साथ चक्खा. .
रातों को भी रात भर,संग में जगाये रक्खा .!
तर -बतर कपड़े मगर ,नाचा किये हम रात भर .!
जूनून छाया इस कदर, खुद को न थी खुद की खबर .!
हाथों मे बाँध कर हाथ,किया लहरों से दो-दो हाथ
गिरता कोई उठाता,मगर न छूटने दीया साथ.!
बड़ी छोटी सी नज़र आती अल्फाजों की कायनात .!
यादगार रहेगा हमें एक ये भी दौर-ऐ- हयात.!
*Reunion with friends. .
हमप्याले हमनीवाले,संग पीया- साथ चक्खा. .
रातों को भी रात भर,संग में जगाये रक्खा .!
तर -बतर कपड़े मगर ,नाचा किये हम रात भर .!
जूनून छाया इस कदर, खुद को न थी खुद की खबर .!
हाथों मे बाँध कर हाथ,किया लहरों से दो-दो हाथ
गिरता कोई उठाता,मगर न छूटने दीया साथ.!
बड़ी छोटी सी नज़र आती अल्फाजों की कायनात .!
यादगार रहेगा हमें एक ये भी दौर-ऐ- हयात.!
*Reunion with friends. .
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति शुक्रवार के चर्चा मंच पर ।।
ReplyDeleteसार्थक और सटीक!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति!
nice
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