जब तौलिये से कसमसाकर जुल्फ उनकी खुल गयी. .
तब बालकोनी में हमारे झूम कर बारिश गिरी.!
तब बालकोनी में हमारे झूम कर बारिश गिरी.!
किसी भी दर्द का हद से जरा गुजरने तक. .
मैं खुद को जोड़ता रहता हूँ फिर से बिखरने तक.!
मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिब है मेरी कलम फ़राज़. .
मैं खुद को जोड़ता रहता हूँ फिर से बिखरने तक.!
मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिब है मेरी कलम फ़राज़. .
मैं इश्क लिखता हूँ तो तेरा नाम लिखा जाता है. .
मेरे लफ़्ज़ों की पहचान अगर वो कर लेता फ़राज़. .
उसे मुझसे नहीं खुद से ही मोहब्बत हो जाती . .
रंजिशें ही सही दिल दुखाने के लिए आ..
आ फिर से मुझे छोड़ क जाने के लिए आ .!
ले दे के एक वो ही शक्स बचा है इस शहर मैं अपना.,
दुनिया वाले कहीं उसको भी समझदार ना कर दे.!
ऐ मौत.! तूने मुझ को ज़मींदार कर दिया .!
जे सुलगे ते बुझि गए, बुझे ते सुलगे नाहिं ।
रहिमन दोहे प्रेम के, बुझि बुझि कै सुलगाहिं ।।
छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता.,
टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता.!
Live without pretending, Love without depending, Listen without defending, Speak without offending.!!