कहने को तो ये बात थोडी अजीब है... पर हमारी ज़िन्दगी की हकीकत ...और ...बेहद करीब है... ये तो हम जानते ही हैं के इस संसार में बड़ा ही 'rush' है.. अरे तभी तो हमारी ढेरों होती 'crush' हैं... न उम्र की सीमा है.... तभी वो कभी जूनियर कभी सीनियर ... कभी टीचर तो कभी नर्स है.... ये दिल कमबख्त अपने पास रहा ही कब है... कभी छूटता सिनेमा हॉल में..कभी फिसलता कोचिंग क्लास में... कभी ट्रेन की कोच में...और कहीं नही तो.... हर दस मिनट में तो सामने से गुजरती कॉलेज की बस हैं... भाई इस दिल का तो खूबसूरती कुछ ऐसे खीचती attention हैं... बस इसीलिए तो इस integer की दुनिया के बीच में भी fraction हैं... अरे अब टूटना तो है ही...हम नादान जो ठहरे ... अब माना की जख्म पड़े हैं गहरे... पर कह तो हमी न पाये...वो तो न थे बहरे.... भाई इसी लिए तो ..क्यों रोते और रुलाते.... अब छोडो भी कल की बातें .... चलो ढूँढ़ते हैं नए चेहरे .!
:clap :)
ReplyDeleteit seems real (neither integer nor fractions :P:D)
i hv only 1 word 4 this haqiqat.....AWESOME...
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