Monday, January 25, 2010

Hum Bure Hi Sahi...

तुमने बुरा जो कह दिया तो हम बुरे ही सही...
अच्छा बनने का कोई अब इरादा भी नहीं...

रिश्ते निभने  हैं तो अब निभ जायेंगे खुद से ही...
पर निभाने का पहले से अब कोई वादा नहीं...

खुद को बदल तो रहे थे हम तेरे मुताबिक ही..
वक़्त ही माँगा था बस और कुछ ज्यादा नहीं..

तुम गए डर मगर ये ठोकरे तो लगनी ही थी..
रास्ता इश्क का कभी होता सीधा-साधा नहीं...

तुम्हे जाना था छोड़ कर ये तेरी मर्जी ही थी...
के खुद की ख्वाहिशें कभी तुझपे लादा नहीं...

तुमने बुरा जो कह दिया तो हम बुरे ही सही...


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