Friday, March 4, 2011

चला परदेस !

ये मौसम नहीं आएगा वहां. .
न पंछी कोई गायेगा वहां. .

दोस्तों से भी बढ़ जाएँगी दूरियां. .

   माँ के हाथों की बनी पूरियां. . भला तू कहाँ पायेगा वहां. .
   ये मौसम नहीं आएगा वहां. . न पंछी कोई गायेगा वहां. .


पर सूरज यही तो निकलता होगा. .
हर शाम को फिर जो ढलता होगा. .

चलो ज़िन्दगी! चल के देखे जरा. .
हैं कैसे वे लोग , दिल कितना बड़ा. . !!

2 comments:

  1. kyon bhai abu dhabi ke birds goonge hote hein kya .............aur waise bhi aaj kal kahein ka mausam aaccha nahi hai...........:D :P


    pakka tune flight me likhi hogi ........hmmmmmm

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  2. haramkhor 2nd para ki 1st line na likhi hoti to pakka bahut acchi thi :P
    Dooriya kahe badh jayegi be?

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