रूप रुपैया ढलता है.!
डॉलर डोरी कसता जाए, रूप रुपैया ढलता है. .
जूते भी अब चरमराये, रूपिया जब जब चलता है. .
बुड्ढापा सिर पे मंडराए, बैसाखी को तरसता है. .
गाड़ी ले लो ताऊ अब, मैं बोला मुझपे हंसता है. .
दिन बचे हैं चार मेरे, क्यू दिन को दो करता है. .
गाड़ी ले लूँ पर मियाँ, गाड़ी मे डीज़ल पड़ता है. .
फूड के बिल की झिलमिल से, और अंधेरा बढ़ता है. .
रूपिया ने बिस्तर पकड़ा, ये देश प्रार्थना करता है.!
Nice lines.. Actually describes condition of Rupees
ReplyDeleteshukriya :)
Deleteधन्यवाद महोदय.!
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