ON THE EVE OF Valentine's day..
This evening a friend of mine was thinking of writing a poem in hindi for the first time.. he thought of the first line and told it to me.. what i did next is in front of u.. cudnt actually resist myself ..actually the thoughts dint let me to do so..dey kept on coming...and that's how I ended up writing a poem with the first line..hope u'll like it..
देखता हूँ एक साल में सारे बदल गए...
खुश तो है वे आज भी...
पर साथ अब मेरे नहीं..
हस्त-रेखा नैन-नक्श तारे बदल गए...
अब मुस्कुराते हैं लोग..नजाने कितनी वजहों पर..
वो हँसते साथ अपने ...या हंस रहे होते हम पर...
मुस्कुराहट तो थी क़यामत उनकी..
पर वो मेरी हर बात पर बस मुस्कुरा के चल गए...
आज अपने सोचने के दायेरे बदल गए..
देखता हूँ एक साल में सारे बदल गए...
नज़रें हैं वहीं...बस नज़ारे बदल गए...
देखता हूँ एक साल में सारे बदल गए..!!
हंसा कभी..कभी रोया भी..
पाया बहुत...तो कुछ खोया भी ...
हम मरे बराबर ....बस!हत्यारे बदल गए..
आज अपने सोचने के दायेरे बदल गए..
देखता हूँ एक साल में सारे बदल गए.. !!
लहरें तो आज भी टकराती हैं किनारों से..
पर आज शायद उनकी पसंद के किनारे बदल गए...!!
great sir...its really nice..
ReplyDeletehmm...what to say !!...gr8 stuff..u have really changed & that for gud :) :)..
ReplyDeletenajrein hain wahi,bas najaare badal gayein..
ho gayein aur bhi ajeej,jo hamare
pyaare badal gayein..
yun to pehle bhi khud ko.chhipate nahi the tum...par,dost
ab to ehsaaso ko jaahir karne ke ...tere har ishaare badal gayein..har ishaare badal gayein...
u have really started writing from heart ..kudos !! :)
its really vry nice sir.....great thoughts!!!
ReplyDeleteThis is leke ~~WoW performance~~... liked very much :))
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