Monday, May 2, 2011

College diaries

                            library ;-)

जोड़े बेठे हुए जहाँ. .

जोड़ घटा के बहाने से. .

केफे क्या फिर सी सी डी. .

फिर डर काहे का जमाने से. .
टाँग के पीछे बस्ता खाली. .

पीछे साइकल मे आए सवारी. .

भटके बगुले भी आँख सेकने. .

घुस जाया करते लिब-रारी
अजनबी कई टकराए यहीं

फिर यहीं बनी बांतें सारी . .

बॉलेस्टेड फ्रोज़न की आड़ मे. .

कुछ पढ़ते भी दिखते ब्रह्म-चारी. .
ए.सी. हवा के भी क्या कहने. .

10 के बाद सभी आते रहने. .

कोई सोया पड़ा. . कोई उंघ रहा है. .

और फिर कोई मौका ढूंड रहा है. .
धूल से लत-पथ पड़ी किताबें. .

कितनी ही गयी फिर पढ़ी किताबें. ?

पलटे पन्ने हुई आँखें भारी. .

हमको बड़ी भाती लिब-रारी. 
                                               ...याद बड़ा आती ळाबे-रारी. .


                                                             NESCI   ;-)

जब बैठ के लेता चाय की चुस्की

याद बड़ा आता है नेस्की .

वो गरमा गरम मसाला मेगी . .

कोई जल्दी नही ; जिसके बनने की. .
धूप हो ; दोपहर भले हो. .

हम को भाता बड़ा ही नेस्की .
मैनाएँ आती. . तोते आते. .

फुसफुसते. . चोंच लड़ते. .

भटके बगुले भी ईद-गिर्द ही. .

याद बड़ा आता है नेस्की.
ये मेरी. .वो तेरी. ये उसकी. . वो इसकी. .

ओये हम को भाता बड़ा ही नेस्सी. .
इश्क़ मोहब्बत प्यार व्यार. .

आबे ये इवेंट हटाओ यार. .

कैसे भी कर के जुगाड़. .

Core मे करवाओ यार. .
जहाँ बातें होती हर मैल की. .

याद बड़ा आता है नेस्की
टूःमक अट्ठन्नी टूःमक च्वाननी .

नाचे शीला नाचे मुन्नी

ज़ोर से बेठा दबा कर मुस्की. .

याद बड़ा आता है नेस्की. .
हर रोज़ नयी ही खुराफातें. .

हुमको बड़ा भाता है नेस्की .
होली मानी. . दीवाली भी. .

की दिल्लगी. .दिल की लगी. .

कुछ टूटे टेबल. .चिटके दिल. .

और चीटीआई उंघे कुर्सी. .
                                             याद बड़ा आता है नेस्की. .

                                          हम को भाता बड़ा ही नेस्की !!

4 comments:

  1. Yes very true... Aata hai bada yaad nesci... :-(

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  2. abrrey shiva kuch aur mazedaar likho :):)
    expectation bahut high hai tumse :P:D

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  3. dev naagari me bhi likho kuchh samajh me aaye hamaare bhi bachchu.

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